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Dibiya
डिबिया
डिबिया उदय प्रकाश की कहानी है , भारत में कहानी कला की अत्यंत प्राचीन कला रही है जो आधुनिक कला में भी निरंतर प्रवाहमान रही है l प्रेमचंद , चंद्रधर शर्मा गुलेरी , जैनेन्द्र , प्रसाद , सच्चिदानंद , फणीश्वर नाथ रेणु हिन्दी के बड़े कहानीकार रहर हैं और उसी परम्परा को हिन्दी के नए कहानीकार आगे बढाते हैं l उदय प्रकाश आज की कहानी के एक बड़े हस्ताक्षर हैं l
डिबिया उदय प्रकाशा जी की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कहानी है जो जीवन के एक छोटे से अनुभव को अपना अन्तरंग सखा बना लेने की कहानी है l हम सबके जीवन के अनेक अनुभव होते हैं , जो हमें याद रह जाते हैं और जो हमारे जीवन में जब भी हम हारते हैं या थकते हैं एक ऊर्जा प्रदान करते हैं , डिबिया में लेखक एक ऐसा ही अपना अनुभव हम सबसे सांझा करता है l
डिबिया शून्य की एक महत्वपूर्ण प्रस्तुति रही है जिसका मंचन अबी तक कई महत्वपूर्ण मंचों पर हो चूका है l डिबिया का निर्देशन कुछ इस प्रकार से है कि केंद्र में केवल एक ही चरित्र है , परन्तु उसके इर्द - गिर्द कई एक अभिनेता अभिनय कर सकते हैं और यही डिबिया के निर्देशन की खूबसूरती है कि शून्य का तमाम समूह एक जगह नज़र आ सकता है l इस प्रकार डिबिया कहानी की दृष्टि से जहाँ एक उत्कृष्ट कहानी है वहीँ मंच पर जब आती है तो उसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है |
निर्देशन : डॉ रमा यादव
अभिनेता :
उज्जवल पाठक
सनी
श्वेता
सुरजीत
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