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वरिष्ठ रंगकर्मी श्री भानु भारती जी से मिलने और बातचीत का सीधा मौका - Vaishali kataria

Updated: Nov 9, 2023

हम जीवन के किसी भी क्षेत्र मे आगे बढ़े, हमे हमेशा ही अपने से बड़ो का स्नेह और उनका मार्गदर्शन चाहिए ही होता है फिर चाहे वो कला का क्षेत्र ही क्यों ना हो। हम कितनी ही शिद्दत के साथ कला के पथ पर भी अग्रसर रहे लेकिन अगर कोई हमारी उलझनों को सुलझाने को हमारे पास नही होगा तो निश्चित ही हम कला को चाहे कितनी ही गहराई मे उतर कर समझना चाहे, हमारे सभी प्रयास आधे अधूरे ही सिद्ध होंगे।

लेकिन कहना पड़ेगा की इस विषय मे शायद श्री राम सेंटर, मंडी हाउस के कलाकार बोहत खुशकिस्मत निकले की उन्हें नाट्य कला को गहराई से समझने बूझने के लिए एक दिन खुद वरिष्ठ रंगकर्मी श्री भानु भारती जी से मिलने और बातचीत का सीधा मौका मिला था। ये बात बीते अगस्त माह की है लेकिन फिर भी अब तक श्री भानु भारती जी से सीधे संवाद के दौरान उनके द्वारा नाटक विद्या पर बतलायी गयी हर एक बात, बातचीत का हिस्सा बने सभी कलाकारों के दिलो दिमाग़ मे अब तक यू ही ताज़ा बनी हुई है मानो उन्हें अपनी नाट्य कला को समझने संवारने का कोई छुपा हुआ सूत्र मिल गया हो। सीधे संवाद के इस कार्यक्रम मे बातचीत का दौर काफी देर तक चला था, उतने समय मे लगभग सभी कलाकारों ने ही एक एक कर के अपने सभी सवालो के जवाब श्री भानु भारती जी से पा लिए, चाहे नाट्य विद्या को भरत मुनि के नाट्यशास्त्र से जोड़ कर समझना हो या फिर नाट्य कला और समाज की परिणीति को समझना हो, कहा जा सकता है की सीधे संवाद के जरिये हर कलाकार अपने अंतर्मन मे झांक पाया और नाटक विद्या सही मायनों मे उनके लिए क्या है इस बात का महत्व जान पाया। जहाँ कलाकरो ने नाट्य विद्या से जुड़े सवाल पूछे वही बातों ही बातो मे श्री भानु भारती जी के अपने नाटको पर भी कुछ सवाल जवाब प्रस्तुत किये गये। सभी कलाकरों मे श्री भानु भारती के अपने प्रसिद्ध नाटको,मुख्य रूप से "नाचनी" और "कथा कही एक जले पेड़ ने" के बारे मे जानने की उत्सुकता ज़्यादा दिखी। वही आधे से ज़्यादा कलाकार श्री राम सेंटर मे श्री भानु भारती जी का ही "तमाशा ना हुआ" नाटक का मंचन देख चुके थे जो की वाकई मे सभी के लिए एक रोमांचित अनुभव रहा था।

गौर करने वाली बात ये भी है की दिनांक 28 अगस्त को आयोजित सीधे संवाद के इस कार्यक्रम में श्री राम सेंटर के ही "वीकेंड थिएटर वर्कशॉप" के वो प्रतिभागी कलाकार भी शामिल हुए थे जो खुद श्री भानु भारती जी का ही नाटक "कथा कही एक जले पेड़ ने" की स्क्रिप्ट पर काफी लंबे समय से पूरी लगन और मेंहनत से काम कर रहे थे। ऐसे मे उन कलाकरो के लिए नाटक के लेखक श्री भानु भारती जी से खुद मिलकर नाटक के विषय मे सब कुछ जानना समझना और भी ज़्यादा दिलचस्प रहा। लेकिन श्री भानु भारती जी ने बातचीत के अंत मे इस नाटक को लेकर सभी संभावनायो को तलाशने का पूरा काम अंततः कलाकरों पर ही सौंप दिया।इतना ही नही, वर्कशॉप की डिरेक्टर डॉ रमा यादव, जो की खुद भी श्री भानु भारती जी की ही स्टूडेंट रही है, श्री भानु भारती जी ने उन्हें भविष्य मे होने वाले इस नाटक के मंचन को लेकर अपना शुभाशीष उन्हें प्रदान किया। इसी के साथ बातचीत का दौर वही खत्म करते हुए सभी उपस्थित कलाकारों ने श्री भानु भारती जी से अनुमति ली और कार्यक्रम का समापन किया। अब आगामी 15 ऑक्टोबर को "कथा कही एक जले पेड़ ने" का मंचन श्री राम सेंटर मे होने को है ऐसे मे जितने भी कलाकार या अन्य लोग जो अब तक भी सीधे संवाद या किसी और माध्यम के जरिये भी वरिष्ठ रंगकर्मी श्री भानु भारती जी से नही जुड़ पाये है वो अब इस नाटक को जरूर देखे।



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