Previous Performances
Ashad Ka Ek Din
"Ashad Ka Ek Din" by Mohan Rakesh , Design and Direction Rama Yadav was first performed on 8th Jan 2018 on 98th birthday of Mohan Rakesh in presence of his wife and son Neeta Rakesh and Sankalp Rakesh respectively. Famous theatre personalities like Shr.Bhanu Bharti and Teekam Joshi were present on this occasion. Famous Theatre critic Diwan Singh Bajeli was also present on this occasion which made this play a remarkable and memorable occasion.
Andha Yug
is spread over seventeen days war of Mahabharat , complexity of which can be still felt in modern times whenever one has to choose between responsibility and emotion. The war of not just people but their pasts, their deeds, their existence. A crisis of identity and loyalty. Dharamvir Bharati while writing this play was himself experiencing and feeling the dreadful repercussions arising from partition of 1947 in India, World War II and Cold War around the world.
Isadora Duncan's My Life
“My-Life” is auto biography of famous dancer Isadora Duncan. She was born in San Francisco, and her love towards dance made her tour around the world. Her early life depicts her struggles and strong will to fight for rights of women, she made sure to commit her entire life to dance. She was outrightly against marriage and believed strongly that a woman has complete rights to motherhood, a mother is individually responsible to bring a new life in this world on her own irrespective of marriage.
Dibiya
डिबिया उदय प्रकाश की कहानी है , भारत में कहानी कला की अत्यंत प्राचीन कला रही है जो आधुनिक कला में भी निरंतर प्रवाहमान रही है l प्रेमचंद , चंद्रधर शर्मा गुलेरी , जैनेन्द्र , प्रसाद , सच्चिदानंद , फणीश्वर नाथ रेणु हिन्दी के बड़े कहानीकार रहर हैं और उसी परम्परा को हिन्दी के नए कहानीकार आगे बढाते हैं l उदय प्रकाश आज की कहानी के एक बड़े हस्ताक्षर हैं l
प्रलय की छाया
प्रलय की छाया छायावाद के चार स्तंभों में से एक महास्तंभ जयशंकर प्रसाद की लम्बी कविता है l भारत में महाकाव्यों की परंपरा तो थी परन्तु लम्बी कविता की परंपरा छायावादी काव्य की ही दें है l 1900 के आस पास आरम्भ हुई इस कविता को पश्चिम की रोमेंटिक कविता से प्रभावित माना जाता है जहाँ प्रकृति का सुन्दर चित्रण मिलता है लेकिन यहाँ यह कहना ज़रूरी है कि भारत में इस तरह की कविता बहुत पहले से मौजूद थी जिसमें प्रकृति हो और प्रकृति के प्रति प्रेम हो l
प्रलय की छाया एक अलग तरह की कविता है l प्रसाद को इतिहास से प्रेम रहा है l इस कविता में वो भारत के इतिहास में जाते हैं और रानी कमला को कविता का केन्द्रीय चरित्र चुनते हैं l यह कविता बहुत ही सुंदर शब्दों को लेकर चलती है और वो शब्द एक वातावरण का निर्माण करते हैं जो वातावरण रंगमंच में यदी बनता तो बहुत आकर्षक लगता और इस कविता के माध्यम से उसी वातावरण को मंच पर बुनने की कोशिश की है l
रानी कमला में जीने की चाह है जो गलत नहीं है पर परिस्थितियां उसकी जीने की छह को वासना और लालसा का नाम दे देतीं हैं l इन लालसाओं और वासनाओं के रंग जब अभिनेताओं के अभिनय में उभरते हैं तो मंच पर जिस रंग की सृष्टि होती है वो अद्भूत है l कविता का जब अभिनय होता है तो वाचन की ले कहीं द्रुत होती है कहीं धीमी इस द्रुत और धीमी ले में जो रंगशिल्प उभरता है वो कविता का अपना है l
निर्मल वर्मा की कहानी "खली जगह से"
निर्मल वर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण नाम है। निर्मल वर्मा की कहानियों ,उपन्यासों और यात्रा व्रतों के बिना आधुनिक
हिंदी सहित्य की कल्पना असंभव हैं।
निर्मल की कहानियों में मानव मन परत दर परत खुलता चला जाता है। एक- एक मनोभाव और स्तिथियों परिस्तिथयों का सूक्ष्म ब्यौरा निर्मल के यह ऐसे मिलता है जैसे अभी ही की बात हो।
निर्मल वर्मा की कहानियाँ भीतर तक कुरेदती चली जाती है और दिल में बहोत गहरे बस जाती है।
Mudita-A Non Verbal Triology
मुदिता अप्रकाशित कहानियों की त्रिवेणी है जिसका कांसेप्ट विनीत खन्ना का है । विनीत खन्ना इस विषय पर कई बरसो से लगातार सोच रहे हैं और नॉन वर्बल उनकी रुचि का क्षेत्र रहा है । विनीत खन्ना के कांसेप्ट में रंग भरने का कार्य शून्य के उनके साथी कलाकारों ने किया जिसमें सर्वाधिक सहयोग मयंक गुप्ता का रहा ।
The Last Leaf
ओ हेनरी की लास्ट लीफ़ एक मास्टर पीस रचना है जो अपनी छाप गहरी छोड़ती है ।
दरअसल ये ऐसी कहानी है जो सार्वभौमिक -सार्वकालिक और सार्वदेशिक है ये उन कहानियों में से एक कहानी है जो ये बताती है कि भावनाओं का कोई देश कोई रूप -रंग नहीं होता वो कहीं भी किसी भी समय में संचरण कर सकती हैं । एक पेंटर अपनी मास्टरपीस कलाकृति के रूप में सर्द बारिश और झंझावातों के बीच ऊँची दिवार पर जो पत्ति आँकता है वो किसी में जान फूँकती है । दर्द से निकलती ज़िंदगी मृत्यु से निकलता जीवन ही लास्ट लीफ़ है ।
Cherry Ka Bageecha
Famous Russian playwright Anton Chekhov needs no introduction in the world of theatre ,one of the most prominent figures who introduced modernism in theatre. His last play "The Cherry Orchard" is one of his masterpiece creations written in 1903. Cherry orchard revolves around human nature and social change , Chekhov has very beautifully portrayed Russian culture via different shades of tragedy , comedy , grief , sorrow etc. .
Checkov's mastery at abstract art is reflected throughout the play. Way he weaves changing social relations with changing time among different sects of a society and their overall impact is impeccable.
Katha Kahi Ek Jale Ped Ne
The Play "Katha Kahi Ek Jale Ped" is a play written by Bhanu Bharti, based on the Japanese story of Hajime Kijima. Its first performance took place in 1981 in the open courtyard of the Lalit Kala Academy in Delhi. If someone is inspired to write a play, they should understand that the pressure is immense, and this creation is the result of that intense pressure.